लेखनी प्रतियोगिता -07-Mar-2022 - जिंदगी
फूल बना लो जिंदगी कांटों को छोड़ ,
गुलाब की पंखुड़ी जैसे राहों को मोड़ |
मोहब्बतों की राह हो जाएगी आसान,
ईश्वर जब हो जाएगा जग पर मेहरबान |
इत्र की खुशबू सा बनकर तुम महकना ,
मदहोशी के जहां में इंसान न बहकना |
इंसानियत तुम दिखा दो अपनी जग को,
गुलाब , चमेली सा बगिया को सजा दो |
कमल तो कीचड़ में ही खिलता हैं,
हीरा कोयले की खान में मिलता हैं |
कीमत उनकी कम तो नहीं हो जाती ,
कांटो से जिंदगी शूल सी चुभ जाती |
तीरों की शैय्या पर न सुलाना किसी को,
क्षमादान देने के गर न काबिल तुम हो |
सत्य, निष्ठा, क्षमा, मोहब्बत एवं श्रद्धा होगी,
जिंदगी तभी तुम्हारी फूलों सी कोमल होगी |
दिलों में तुम्हारे कोमलता का भाव जरूरी,
छांव के साथ जिंदगी में धूप भी हैं जरूरी |
धूल झूठ की जो तेरे मन पर जम जाएगी,
बंदे जिंदगी तेरी पतझड़ सी झड़ जाएगी ||
प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)
Punam verma
08-Mar-2022 09:24 AM
Nice
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Swati chourasia
08-Mar-2022 07:19 AM
Very beautiful 👌
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Niraj Pandey
08-Mar-2022 12:12 AM
बहुत खूब
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